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सत्य वचन आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिप

सत्य वचन 

आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः।
नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति।।

अर्थ –  व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन आलस्य होता है, व्यक्ति      का   परिश्रम ही।  उसका सच्चा मित्र होता है। क्योंकि जब भी मनुष्य परिश्रम   करता है तो वह दुखी   नहीं होता  है   और हमेशा   खुश ही रहता है।

©poetdiary07 सत्य वचन 

आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः।
नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति।।

अर्थ –  व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन आलस्य होता है, व्यक्ति      का   परिश्रम ही।  उसका सच्चा मित्र होता है। क्योंकि जब भी मनुष्य परिश्रम   करता है तो वह दुखी   नहीं होता  है   और हमेशा   खुश ही रहता है।

#Winter Pawan Nishad Rohit SHEHK MUNNA panchhi meshram Navab Mohammed Naqvi Ramveer Chandra
सत्य वचन 

आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः।
नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति।।

अर्थ –  व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन आलस्य होता है, व्यक्ति      का   परिश्रम ही।  उसका सच्चा मित्र होता है। क्योंकि जब भी मनुष्य परिश्रम   करता है तो वह दुखी   नहीं होता  है   और हमेशा   खुश ही रहता है।

©poetdiary07 सत्य वचन 

आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः।
नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति।।

अर्थ –  व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन आलस्य होता है, व्यक्ति      का   परिश्रम ही।  उसका सच्चा मित्र होता है। क्योंकि जब भी मनुष्य परिश्रम   करता है तो वह दुखी   नहीं होता  है   और हमेशा   खुश ही रहता है।

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amitmishra9406

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सत्य वचन आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः। नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति।। अर्थ – व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन आलस्य होता है, व्यक्ति का परिश्रम ही। उसका सच्चा मित्र होता है। क्योंकि जब भी मनुष्य परिश्रम करता है तो वह दुखी नहीं होता है और हमेशा खुश ही रहता है। @Pawan Nishad @Rohit @SHEHK MUNNA @panchhi meshram Navab Mohammed Naqvi @Ramveer Chandra">#Winter Pawan Nishad Rohit SHEHK MUNNA panchhi meshram Navab Mohammed Naqvi Ramveer Chandra #Quotes