भूल चुका हूं सब कुछ अब मैं । निकल चुका आवारा हूं। कितना रोकोगे तुम मुझको टूट चुका वो तारा हूं। छीना मुझसे सबने मिलकर जो जो मेरे मन भाया। जिनपे किया भरोसा मेने दिल भी उन्होंने खूब दुखाया। नहीं चाहिए लोग फरेबी मै खुद ही खुद का सहारा हूं। भूल चुका हूं सब कुछ अब मैं निकल चुका आवारा हूं। ©A͜͡b͜͡h͜͡i͜͡t͜͡h͜͡a͜͡k͜͡u͜͡r͜͡ #Travel #bhool #Gaya #Hun #sabkuch #Ab #Mai #NojotoWritingPrompt #Poetry #Memories peelu sajeev