सोचा हुआ कार्य जरूर पुरा होता है, ब शर्ते, श्रोता भी तुम ही हो। वक्ता भी तुम ही हो। और प्रकाशक भी तुम ही हो। जहां किसी का आगमन ना हो सके, वहां तुम्हारा ही अधिकार होगा और तुम्हारा ही शासन भी! इसलिए दूसरों की मत सुनो खुद की करो! ©Ashvam https://www. Instagram.com/neeraj7m/