अरे हमे तो अब वो भी भूल गए होंगे, जिनको कभी हमने चाहा था, अब तुम भी हमें भूल जाओ तो कोई ग़म नही, तुमने तो अभी अभी हमें सराहा था। .... कविराज कविराज