करीने से चिपके तुम्हारे बदन से कपड़े , उलझने को करते हैं बस इंतेज़ार मेरा । बिना सिलवटों के बिछी वो रंगीन चादर, के तुम्हारे साथ उसे उजाड़ने को दिल बेकरार मेरा । 😙😘 सुलझी हुई उकझन