मैं नदी एक प्यासी .... मेरा कोई समंदर नहीं भरी हूँ विकारों से पवित्रता मेरे अंदर नहीं निकल तो पड़ी हूँ सफर पर लेकिन मेरा नहीं कोई रहगुज़र आ कर सम्भाल लो #प्यारे भटक ना जाऊँ बीच राह पर सुनते हैं... तुम सागर हों प्यार का भरे हो करुणा और दया से तो बन जाओ ना समंदर मेरे जिस में आ कर फना हो जाऊँ खो दूँ खुद को, मैं तुम हो जाऊँ, समेट लो मुझे मेरी प्यास, मेरी भटकन और मेरे विकारों के साथ #गोविंद.... बहने लगूँ तेरी तरफ हर पल तुझसे मिलने की प्यास लिए मैं नदी एक प्यासी.... मेरा तेरे सिवा कोई समंदर नहीं!! #समंदर