मध्यरात्रि में; अंधेरे के मस्तक पर, सुलगती बीड़ी की लाल बिंदी लगाता किसान, जाड़े में कड़ाके की ठंड को मेहनत के पसीने से हराता है। सिंचाई के पश्चात मिट्टी से बाहर झांकती फसलें, मोतियों से बिखरी चमक के जैसी हैं। मेहनत की कमाई पर भरोसा है उसे उसके अनुसार - ईश्वर चार पहर मशाल रखता है, और चार पहर लालटेन। मशाल* ~ सूर्य लालटेन*~ चंद्रमा। ©अनिल मालवीय मन्नत* #farmer #Crop #Love #Life #anilmannatmalviya