मेरी शुष्क आँखों से लहू टपकने लगे जब मेहँदी सजी हाथों में तेरी तो ये बेजान दिल जोरों से धड़कने लगे खूब भीड़ थी तेरी विदाई में मेरे जनाजे में तो काँधे भी कम पड़ने लगे जा रहा हूँ कब्र पे तू भी तो वहाँ आएगी ये सोच के कब्र पे आशिकी के मेले भी लगने लगे जब आया सालो बाद तेरा जनाजा मेरे कब्र पे तो मेरे कब्र पे मुर्झे फूल भी खिलने लगें। praajm_amit😕 ©AMIT KUMAR KASHYAP #love#last_love ऊषा माथुर अधूरी बातें 🌻राधाकृष्णप्रिया💖Deepika🌻 Neetu yadav Rose rose