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अमृत का नाम लेकर, विष उसमें तूने हरबार घोला है वा

अमृत का नाम लेकर, विष उसमें तूने हरबार घोला है 
वाकिफ था तू मुझसे, और तूने हर राज खोला है 
ऐ दोस्त, दोस्ती को यूं हलाल ना कर 
तूने इस रिश्ते को सिर्फ पैसों से तोला है 

 🖋Mahi Singh 
@Dark Secrets E dost.....
अमृत का नाम लेकर, विष उसमें तूने हरबार घोला है 
वाकिफ था तू मुझसे, और तूने हर राज खोला है 
ऐ दोस्त, दोस्ती को यूं हलाल ना कर 
तूने इस रिश्ते को सिर्फ पैसों से तोला है 

 🖋Mahi Singh 
@Dark Secrets E dost.....