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अकसर ढह जाती हैं वे महोब्बत की इमारतें साहब जिनक

अकसर ढह जाती हैं वे
 महोब्बत की इमारतें साहब 
जिनकी नीव 
विश्वास से नहीं भरी होती .. #इमारतें
अकसर ढह जाती हैं वे
 महोब्बत की इमारतें साहब 
जिनकी नीव 
विश्वास से नहीं भरी होती .. #इमारतें