ये बात और है कि तुम मेरे जीने की सारी वजहें साथ अपने लिये जा रही हो मगर जीने की मजबूरियाँ खत्म हुई नहीं है अभी; ये बात और है कि जिस राह पे तन्हा छोड़कर जा रही हो मुझे राहें वहीं खत्म हो रही है मेरी लेकिन, पीछे दर्द का काफ़िला और भी बाकी है अभी जो मुझे तन्हा नहीं छोड़ती मुझसे जुदाई की तैयारियों में यूँ अश्कों से तुमने चेहरे को धोया बहुत लेकिन, तुम्हारे चेहरे पे मेरा असर और भी बाकी है अभी यूँ तो खो चुका हूँ मैं; ये ज़िन्दगी, ये राहें, ये मंज़िलें, लेकिन, ये सफ़र और भी बाकी है अभी....... #सफ़र #yqbaba #yqdidi #yqhindipoetry