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आज दिल दोनोके जल रहे थे कसमे वादे मोम की तरह पिघल

आज दिल दोनोके जल रहे थे
कसमे वादे मोम की तरह पिघल रहे थे
जमाना देख रहा था मंजर इनका
और ये नाम लेकर यार का
शोलो से खेल रहे थे. कवी खुल्या मनाचा , 😊
आज दिल दोनोके जल रहे थे
कसमे वादे मोम की तरह पिघल रहे थे
जमाना देख रहा था मंजर इनका
और ये नाम लेकर यार का
शोलो से खेल रहे थे. कवी खुल्या मनाचा , 😊

कवी खुल्या मनाचा , 😊