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मैंने जिंदगी को मुस्कुरा कर देखा, खुद को समझा कर

मैंने जिंदगी को मुस्कुरा कर देखा,
  खुद को समझा कर देखा, 
 कितने ही तूफानों को आजमा कर देखा, 
वक्त पर भी मरहम लगा कर देखा, 
कुछ रिश्ते  बेवक्त रंग बदलते हैं,
आज हमने उन रंगों को हटा कर  देखा।

©Samiksha Chouhan
  #रंग बिरंगी दुनिया

#रंग बिरंगी दुनिया #Poetry

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