उठी है आग जो शरीर के हर एक कोने में उसे बुझने नहीं दिया जाएगा , अगर उठी कोई आवाज खिलाफते ए राष्ट्र तो उसका हश्र ऐसा होगा रूहे कहां पर जाएंगे उसकी और तसल्लीयत ए जंग का ऐलान किया जाएगा , अगर बीच में कोई राजनीति का झंडा लिए देखा जाएगा सौगंध ए हिंदुस्तान की उससे आज तक के उसके कर्मों का जायजा लिया जाएगा, वतन के खिलाफ उठे हर आवाज का हिसाब लिया जाएगा, तुम ताउम्र भुगतोगे उसको लेकिन तुम्हें रिहा नहीं किया जाएगा , और जो तुम चंद लोग मांगते हो आजादी तुम्हें तुम्हारे पर्दे से बेनकाब किया जाएगा, रियासते हिंदुस्तान ही नहीं तुम्हें तो तुम्हारे सरजमी से ही आजाद किया जाएगा, और ये जो आते हैं बीच में बरसाती मेंढको की तरह सियासत की राजनीति करने, इन्हें रियासत ए हिंदुस्तान से दखल अंदाज किया जाएगा, आजाद किया जाएगा तुम्हें आजाद किया जाएगा।। संस्कार शुक्ला it is my second status #citysunset #