तेरी भागती आवाज़ सुनने को दिल बेकरार रहता है मिलेगी नही तू किसी दिन फिर भी सोने से पहले और उठने के बाद तुझे ना सोचूं ऐसा कहाँ यार होता है जब भी लिखता हूँ कुछ भी कॉलेज की क्लासों में तेरा नाम ना याद आये तो लिखा हुआ बेकार लगता है बाते कितनी भी कर लूं किसी से भी मगर तुमसे ज्यादा कहाँ किसी से प्यार होता है खूबसूरत चेहरे मिलेंगे कई मुझे मगर कहाँ किसी चेहरे को देख अब मुझे प्यार होता है कुछ भी करूं कही भी रहूँ तुझे बस तुझे सिर्फ तुझे अपनी रूह से जोड़ के साथ रखता हूँ हर कामयाबी से पहले हर कामयाबी के बाद याद न करूं तो कामयाबी का मंजर भी बस एक हार लगता है जानता हूँ इतना सा सच की तुझसे दूर होके ही अगर तुझे खुश देख लूँ तो तेरे पास रहना बेकार लगता है अब तो बस तस्वीरे आवाज़े तेरी देख सुन के ये दिल यादों का बाज़ार लगता है तेरी भागती आवाज़ सुनने को दिल बेकरार रहता है ..........