हर एक रात जब नींदे टूट जाती है क्या मैं बताऊँ मेरी साँसे फूल जाती है हाँ अगर बोलूँ तेरे दर्द के बारे में माथे की एक एक मेरी नस दुख जाती है क्योंकि तुझको नही है मेरी फिकर जरा सी क्या मैं बोलूँ ज़िन्दगी है कितनी काफी जीने को मरने को यहाँ जगह न जरा सी क्या बोलूँ कुछ भी नही होता मेरे माफिक हर एक रात बस तुम्ही तो ख्वाबो में आती हो Pump करे दिल जब गले से लगाती हो ऐसा लगे दो रूहों का हो रहा मिलन जब कानो में प्यारी सी एक सरगोशी कर जाती हो तुमको नही पता है तुम क्या क्या कह जाती हो तुमको नही पता है तुम कितना सताती हो तुमको नही पता है मेरे दिल मे इधर तुम घायल करके अंदर कितना बस जाती हो हाँ मेरी जिंदगी जैसे खुली किताब हाँ मैने प्यार तुझसे किया है बेहिसाब हाँ मुझको पता है कैसे कटती है रात मेरी इन रातो का नही कोई भी प्रभात फिर क्यों करता हूँ मैं तुझसे ये सवाल फिर क्यों रखता हूँ मैं तुझसे ये मलाल फिर क्यों लड़ता हूँ मै तुझसे हर रात फिर क्यों कहता हूँ मैं तुझसे हर बात #ख़्वाहिशें 2nd Half #rap