दुनिया की क्या परवाह करनी, खुद से सच कहना सीखो नकाब चेहरों से हटाकर, हकीकत में मुस्कुराना सीखो मुद्दा बस इतना ही है, कि अपनी और नहीं देखा तुमने नज़र बाकियों से हटाकर, खुद की गलतियों को पहचानना सीखो गलत के लिए आवाज़ उठाकर, सच कहना सीखो|