अपने अंदर झांक के देखा क्या कभी जहां सैंकड़ों हसरतें जन्म लेती हैं, मर जाती हैं अमरपक्षी की भाँति फिर जन्म लेती हैं, नए अवतार में जहाँ रोज़ मरती है अंतरात्मा तिल तिल देख कर अनदेखा कर दूसरों की तकलीफें किसी ज्ञानी की भाँति उदासीन रह कर अपने अंदर झाँक के देख, मिलेगा अर्थ उन प्रश्नों का जिनका उत्तर तूँ तलाशता है, साधु संतों महात्माओं में दर्शन भीतर ही है जीवन का, तूँ भीतर झाँक के देख अपने अंदर झाँक के देखा क्या क्या मंज़र झलक रहे थे। #अपनेअंदर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi