मायूसी को ना बनाने दे घर दिल में लूट लेती है ये दिल का चैन उम्मीद से ना होना कभी तू जुदा बेवजह क्यूँ आंसुओं से भरे हैं तेरे नैन बुरा वक्त ना ठहरा है कभी सुबह है होती, सदा ना रहती रैन नमस्ते लेखकों! अप्रैल का महीना कविता लेखन महीना है| इस महीने में आप हमारे साथ कविता लेखन का अभ्यास करे। रोज़ एक कविता लिखने का संकल्प ले, अपनी लेखनी को सुधारे, और हमारे साथ अपनी अनोखी शैली को निखारे। हमारा आज का शब्द है मायूसी | चलिये, एक कदम बढ़ाते है बेहतर लेखनी की ओर।