चुपके से छुके जो गुज़र जाती है,पुरानी यादें मेरे ज़हन में आज भी है।तेरे पहलू में रहने के जो ख़्वाब देखे थे, उन खयालों में तेरा आना आज भी है। दूरियां जो दरमियान उनकी भी कुछ वजह जरूर होगी,तुझपे मेरा ना टूटने वाला ईमान अाज भी है।सोच के तुझे अकेले में मुस्कुरा लेना मेरा ,वो मुस्कुराहट देने वाला तेरा एहसास आज भी है।टूट के बिखरूं तेरी कमी में,या बस साथ वाले लम्हों को में सीने में रखूं ये सवाल आज भी है।आजाद कर मुझे इन दूरियों से और नई यादें दे जा, इन निगाहों को तेरा इंतजार अाज भी है।।