अये चमकती रात, तेरी कोई नही औकात, कोई तेरी फिज़ाओ में बहकता है, कोई तेरे अंधेरो में तड़पता है, किसी के लिए तू हसीन है, किसी के लिए नाज़नीं है, तेरी नही उस चंद की सबको आस है, उसमे चमकते सितारों की प्यास है, और तू एक चमकती रात है, बस उजले सवेरे की खैरात है, तेरी क्या औकात है। अये चमकती रात तेरी कोई नही औकात। #hindi #poetry #night #nojoto