बंटवारा - एक कभी न भूलने वाली ऐतिहासिक भूल (कृपया पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें) अपनी आजादी को हरदम दिल से महसूस करो अपने पुरखों की कुर्बानी को समझो संजीदा लो हर काम में देश प्रथम है, यह बात याद रहे तुमको देश रहेगा तो हम हैं, हर वक्त एहसास रहे तुमको आज़ादी का पर्व जो सालाना छुट्टी समझ मनाते हो निज सनातनी संस्कृति पर शर्मिन्दा से हो जाते हो