हम रोज प्रेम करते हैं अपने बच्चों अपने सम्बंधिओं के प्रति प्रेम का व्यवहार करते हैं लेकिन बारीकी से देखा जाए तो हमारे प्रेम में स्वार्थ की भावना रहती है जहाँ स्वार्थ नहीं है वही है वास्तविक प्रेम... -यशपाल जैन ©VED PRAKASH 73 #जीवन_धारा