उज्जवल मेरा रूप, कभी पूर्णिमा के चाँद की तरह दमकती हूँ अपने पूर्ण सौंदर्य में। कभी अमावस्या के चाँद की तरह, लुप्त हो जाती है मेरी आभा, तुझसे रूठने पे।। चन्द्रमा की तरह, रुख़ बदलता है प्रेम। #चन्द्रमा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi