माना कि ज़माने के मुताबिक, नज़र आना नामुमकिन है....... उसके बगैर अब हमारा, पीना-खाना नामुमकिन है....... उसकी गलियों में अब हमारा, आना-जाना नामुमकिन है...... जिसको चाहा हमने ज़िंदगी भर, उसे अब पाना नामुमकिन है.... ©Poet Maddy माना कि ज़माने के मुताबिक, नज़र आना नामुमकिन है....... #World#Impossible#Without#Drink#Eat#Street#WholeLife.........