तेरे ईशारों को न समझ सकूं मैं बेशक, तेरे चेहरे को पढ़ लूं इतना तो समझदार हूँ मैं। बेशक तेरी खुशियों में नहीं शामिल मैं, तेरे हर ग़म में आधे का हिस्सेदार हूँ मैं। ~Hilal #Hissedar