रख के दिल पे पत्थर उस से नाराजगी जता रहा हूं, रह रह के अपने दिल को यू समझा रहा हूं। जो ना समझे तुम्हारी कही हुई बातो को, ओ क्या समझेगा दिल की अनकही बातो को।। मांगा तो हमने कुछ भी नही, थोड़ा सा साथ बस मांगा था दिल तो बिल्कुल नही।। कैसे बताए कैसे समझाए हमको प्यार नही ऐतवार चाहिए ज्यादा कुछ नही यारा बस तेरा साथ चाहिए।। ©Prem_pyare #नाराजगी_कहूं_या_मोहब्बत_उसकी #क्या_कसुर_था__मेरा_जो_तुम_नें_याद_करना