प्रेम के विषय मे बस इतना कहूंगा कि पढ़ना पड़ा मुझे तो चुप ही रहूंगा जो महसूस न हो, जो रगों में न दौड़े सीने में न धड़के, आंखों से ना बरसे भिगो न दे रूह को वो क्या प्रेम होगा जो हौसले न बढ़ा दी आसमान तक जो सच्ची आत्मिक खुशियों की चाह न जगा दे जो मेरा बेहतरीन मैं, मुझसे रूबरू न करा दे वो क्या प्रेम होगा जो किताबों में पढ़ा और पढ़ाया जाए जवाब कुंजियों मे मिले और नकल कर सकें डिग्रियों मे हासिल हो, जिसे नाप लें पैमानों से वो क्या प्रेम होगा— % & It's time to ask yourself #whatif. Use your imagination and collab. #iflovewereasubject #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Baba