!! हूर !! मै दूर रहकर भी तुझसे कभी दूर नही पास ना आ पाऊं तेरे इतना भी मजबूर नही दिल से पुकार ले एक बार तो मुझको आ जाऊंगा मै क्यों के मै अमजद हूँ मगरूर नही वक़्त आने पर तो मिलूंगा ही मै लेकिन उसका नाम मुलाक़ात हो इत्तेफ़ाक़ नही मिलुं जब तुमको तो सिर्फ ख़ामोशी हो कोई शोर नही नही डर मुझे अब बदनामी का क्यों की इस ज़िन्दगी मे मै बदनाम हूँ मशहूर नही रहना है अब मुझे तेरा खावींन्द बनकर क्यों की जन्नत मे मुझे तू चाहिए कोई हूर नही. writer's by heart✍🏻 amjad Hoor