#FourlinePoetry कुछ खुशियां जो ढ़ह चुकी हैं रेत की ढेर पर, बस उन्हें सुलग कर फिसलते देख रही हूं, टूटे हुए दिल के कुछ अरमानों को जल कर, बस अब धधकते लौ में पिघलते देख रही हूं। "कसम से" ।।शुक्रिया।। ***बीना*** (09/08/2021) **************** ©BEENA TANTI #fourlinepoetry #अगस्त05_19_08_2021