Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक गम हैं मेरा,जो मुझसे छुपाया नही जाता, में उससे

एक गम हैं मेरा,जो मुझसे छुपाया नही जाता,
में उससे रूठ बैंठी हूं,ये बताया नही जाता,

 एक सच के वो सब जनता हैं,तो क्यों अंजन बनता हैं
मगर ये झूठ में बोलूं के बस वो,मेरी ही,शाम बनता हैं,

हां उसको याद तो कर लूं,मगर अफसोस हैं मुझपर,
यकीनन क्यों मेरे इस दिल से,वो इंसान नही जाता,
एक गम हैं मेरा जो,मुझसे छुपाया नहीं जाता,

कई में मिन्नतें कर लूं,के फिर भी हार जाऊंगी,
के फिर उदास बैठूं तो,में खुद को रुलाऊंगी,

वो एक फूल की खुशबू नहीं हैं,आज भी मुझमें,
कभी बाजार में निक्लू तो,में मुरझा ही जाऊंगी,

में वो सदी हथेली हूं,जिसकी लकीरें नहीं मिलती,
के वो फूल हूं जो,गिर के दोबारा नही खिलती,

एक गम हैं मेरा,जो मुझसे छुपाया भाई जाता,
में उसको याद करती हूं,ये बताया नही जाता

©Andlib Rana
  छुपाया नही जाता।
andlibrana9883

Andlib Rana

New Creator

छुपाया नही जाता। #Poetry

99 Views