पसीने से नहाए बिना आँखों से लहू बहाए बिना शब्दों में अर्थ नहीं पैदा होगा भीगे बिना बारिश लिखोगे तो कागज सूखा रह जाएगा ..... 🖋 ©Kuldeep Shrivastava #पसीना