इतने पागल हैं हम.... प्रकृति ने तो हमें आनन्द ही दिया था, हम समझ ही नहीं पाए, हमने खोज की,सुख की सुख में सुख तो ज़रा सा, दुखों का टोकरा भर ले आए और जिस आनन्द को हमने ठुकराया,