तेरे दामन के दूर रह ना पाउ ' दुरी भलेही कितनी हो लोटकर तेरे पास आऊं ' लब्जो मे कहा इतना हुनर की बतासके तुझे कितना चाहू ' तेरे साथ होकर मे सपनो का आशिया बनाऊ चाहत इतनी की सास थम जायेगी मेरी ज़िस रोज बस एक तुझे करीब पाऊ ' #mahbub