Nojoto: Largest Storytelling Platform

वो आखिरी मुलाकात भी क्या मुलाक़ात थी होंठों पे कपकप

वो आखिरी मुलाकात भी
क्या मुलाक़ात थी
होंठों पे कपकपी 
आँखों में कुछ नमी थी
साँसें भी रुकी रुकी 
धड़कन कुछ बढ़ी थी
मैं खामोश बेवश था
वो भी चुप खड़ी थी
आख़िरी मुलाक़ात दिल 
दहला रही थी
गले लगकर वो आहें भर
रही थी
बाजी मैंने भी जान की लगी थी
समाज की चक्की में
आहुति हम दोनों की पड़ी थी
वो जुदाई की मुलाक़ात
आख़िरी विदाई की मुलाक़ात थी।



 प्रतियोगिता ०८

#vkpoetry
#collabwithvkpoetry

🏵️ कैप्शन को ध्यानपूर्वक पढ़कर रचना करें 👇

~ आप सभी का स्वागत है प्रतियोगिता में।
वो आखिरी मुलाकात भी
क्या मुलाक़ात थी
होंठों पे कपकपी 
आँखों में कुछ नमी थी
साँसें भी रुकी रुकी 
धड़कन कुछ बढ़ी थी
मैं खामोश बेवश था
वो भी चुप खड़ी थी
आख़िरी मुलाक़ात दिल 
दहला रही थी
गले लगकर वो आहें भर
रही थी
बाजी मैंने भी जान की लगी थी
समाज की चक्की में
आहुति हम दोनों की पड़ी थी
वो जुदाई की मुलाक़ात
आख़िरी विदाई की मुलाक़ात थी।



 प्रतियोगिता ०८

#vkpoetry
#collabwithvkpoetry

🏵️ कैप्शन को ध्यानपूर्वक पढ़कर रचना करें 👇

~ आप सभी का स्वागत है प्रतियोगिता में।