क़ातिल भी तू मुंसिफ़ भी तू इंसाफ़ तू क्या ख़ाक करेगा बड़ा ख़ुदग़र्ज़ है तू इंसाँ अपना न्याय ख़ुद करेगा पर वो जो है परवरदिगार वो सब देख रहा है तेरे कर्मो को जब जाएगा लौट कर वापस उसका सामना तू कैसे करेगा 🌝प्रतियोगिता- 208🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"मुनसिफ़"🌹 Meaning : न्यायधीश, Judge 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या