तितली सी जान को यूँ, हरपल दबोचा नहीं जाता । रंग सारे निचोड़ लोगे शायद, मुस्कानको कभी खरीदा नहीं जाता । दिल का रिश्ता दिलसे जुड़ता है, साँसोको बंदी बनाया नहीं जाता । बढ़ चुकी है ख़्वाहिशें... कुबूल, चिडियाको ऐसे उड़ाया नहीं जाता । खुली हवा मुजेभी चाहिए, Nidhi कैदमें बुलबुलको गवाया नहीं जाता । #बढ़ना #nanhikalam