डर लगता नही मूझे,अंधेरी रातो से,, पर किसी की गंदी नियत से,,मेरी रूह कांप जाती है,, डर नही लगता अकेले चलने से मूझे,, पर जो किसी की गंदी नजर संग चलती है मेरे,मेरी सांसे रूक सी जाती है,, हा सच है नही समझती मै महफूज,खूद को दूनिया की भीड़ मे,नये लोगो से रिश्ते बनाने से पहले,,कदम मेरी डगमगा ही जाती है,, विश्वास शब्द,,कही खो न जाये अतीत के पन्नो मे किसी दिन,, टूटी हूई विश्वास की डोर,,कहां फिर से जूड़ पाती है,, #OpenPoetry 😔#nojoto #sadness #fear