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मैं अक्सर देखता हूं शाम को उड़ते परिंदों को, बुलंद

मैं अक्सर देखता हूं शाम को उड़ते परिंदों को,
बुलंदी पर जो उड़ता था, अकेला हो रहा है अब! #yqaliem #bulandi #udaan #akela
मैं अक्सर देखता हूं शाम को उड़ते परिंदों को,
बुलंदी पर जो उड़ता था, अकेला हो रहा है अब! #yqaliem #bulandi #udaan #akela