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नहीं बदले पहाड़, बादल, नदियां, झरने... और ना ही पक

नहीं बदले पहाड़, बादल, नदियां, झरने...
और ना ही पक्षी और उनकी आवाज़ें....
युगों - युगों से वैसे ही हैं 
फिर क्यों बदल रहा है इंसान???

*चेतना विनय"
२५-०७-२०२४

©Chetna Vinay Tiwari
  #बदलाव
#प्यारभराप्रयास