जिंदगीनामा मुद्दतो बाद इतना खुलकर मुस्कुराया हु में, खुद में खोकर ही खुद को जान पाया हूँ में, मुड़कर देखा जब उस गली को जो भूल चुकी थी मुझे, आज भी जिंदा हु उसे ये बताने आया हु में। कद्र नही है माना दौर- ऐ- मुफलिसी में अभी, जिंदगी भी मेरी यारो एक तमाशा है अभी, मगर मेरा भी तुझसे ऐ ज़िन्दगी एक वादा है अभी, तेरे हर एक सवाल का जवाब एक दिन लेकर आउंगा में, नाकामी ,हर एक जख्म को कामयाबी से सहलाऊंगा में, चाहे तो कितने भी इम्तेहान ले ले मेरे ऐ जिंदगी, खाली हाथ जरूर आया था इस दुनिया मे मगर , तेरी इस दुनिया को बहुत कुछ देकर जाऊंगा में, जिंदगी एक दिन जरूर आऊंगा में, जिंदगी एक दिन जरूर आऊंगा में। अभिषेक नागर #जिंदगी #जिंदगीनामा #Nojoto #poetry #NojotoHindi