सुनो ! तुम ढूँढ लेना मुझे, मैं मिलूँगी वहीं तुम्हें, उस दलदल में फँसती हुई, अश्कों में धँसती हुई, अरेरे ! रुको शायद मैं नहीं हूँ, अब वहाँ पर जहाँ ही, छोड़ आए थे न तुम मुझे तब, ज़ख्म खाने के लिए, अब चाहो अगर तो ढूँढ लेना, उस जगह जहाँ होंगे, तुम्हारे वो सब ही अधूरे ख़त, रखे थे जो सहेजकर, लेफ़्ट शेल्फ़ के राइट ड्रॉर में, हाँ अब वहीं मिलूँगी, बस मत ढूँढना किसी और में ! बस अब वहीं मिलूँगी मैं तुम्हें... #ख़त #yqdidi #yqhindi #poetry #life #sadquotes #pain #longdistance