ओड़ के झूठे रंग अपनो के, तुम खुद को भूल जाओगे, छोड़ देंगे ये जब साथ तुम्हारा तब मुझमें ही लिपटे जाओगे, वो अमीरी भी क्या? ये हकीमी भी क्या? कब तक खुद को समझाओगे, जब छोड़ देंगे ये साथ तुम्हारा तब मुझमें लिपटे जाओगे। एक शर्त एक इनायत खोल कर इक अपनी आंख, पूछ कुर्बत-ए-यार इन चारो से, कहाँ तक साथ दे पाओगे? ये कफिला है मेरे जाने का कब तक मन गीत गुनगुनोगे? हाँ पता था मुझे, ओड़ के झूठे रंग अपनो के, तुम खुद को भूल जाओगे, जब छोड़ देंगे ये लोग साथ तुम्हारा तुम मुझमें ही लिपटे जाओगे ©Gaurav's write कफन और तू #कफन #nojotoquote #nojotopoetry #nojotohindi #hindipoetry #Life