अपने प्राण की रक्षा करने अथवा युद्ध में पराजय को ट

अपने प्राण की रक्षा करने अथवा युद्ध में पराजय को टालने के लिए बहुत अधिक साहस की आवश्यकता नही होती किन्तु सत्य बोलने और उसे स्विकार करने हेतु अत्यंत साहसी होना होगा। 
यदि आप साहसी हैं तो सदैव सत्य बोले और स्विकार करें।

©RAVISHANKAR PAL #Massageoftheday  Bandna Ji SHANU  KI सरगम dream SgR… SUREKHA THORAT dhyan mira
अपने प्राण की रक्षा करने अथवा युद्ध में पराजय को टालने के लिए बहुत अधिक साहस की आवश्यकता नही होती किन्तु सत्य बोलने और उसे स्विकार करने हेतु अत्यंत साहसी होना होगा। 
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