उसका ये बदला स्वभाव मैं बहुत अजीब मानता हुँ पर आज भी उसे ही मेरे सबसे करीब मानता हुँ उससे प्यार अब करता हुँ या नहीं...ये मैं नहीं जानता मगर आज भी उस नाचीज़ को मेरा नसीब मानता हुँ सारांश...जिंदगी का