जाने क्यूँ आजकल नया सा कोई ख़याल आता नहीं आता है महताब ख़ाली हाथ साथ तेरा कोई पैग़ाम लाता नहीं चाँदनी भी रहती है धुंधली सी मेरी आँखों में वो चमकती नहीं एक तारा था दिल के क़रीब मेरे मेरी छत से अब वो भी नज़र आता नहीं हो नाराज़ तुम या रूठी है ये रात मुझसे है वहम सिर्फ़ मेरा या हो गया है बँटवारा कोई #chaand #moon #moonlight #chaandni #lovequotes