आज मैंने एक झलक अपनी जिंदगी को पीछे मुड़ कर देखा वो राहों पर खड़ी मुस्कुरा रही थी फिर मैंने ढूंढा उसे इधर उधर वो मेरे संग आँख मिचौली खेल रही थी कितने बरसों बाद देख उसे आया मुझे उस पर प्यार वो सहला थपकी देकर सुला रही थी मैंने पूछा ऐ जिंदगी! क्यों रहती है तू मुझसे दूर क्यों हमसे हो गई हो खफा़ खफा़ जिंदगी क्या ऐसे ही रहोगी तुम मुझसे रूठी रूठी मैंने फिर पूछा क्यों दिया तुमने इतना दर्द मुझे वो हंँस कर बोली मैं तेरी जिंदगी हूंँ पगली तुझे जीना सीखा रही थी। ♥️ Challenge-670 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।