कितना भी चाहू भुलाना बस तेरी आहट को सुनता हैं, ये इश्क हैं या मोहब्बत न जाने क्या हैं ??? जो हर वक़्त तेरा ही दीवाना बना फिरता हूँ, तेरे ही नग़मे तेरे ही तराने गुनगुनाता हूँ, चल तुझें भी वक़्त दिया पता करना क्यों तेरे नाम से मैं इतना इतराता हूँ।।। #collab करें और इस शेर को पूरा करें Open for all (जजों के भी ख्याल रखा गया है) firstquote #अभिव्यक्ति_challange #YourQuoteAndMine Collaborating with अभिव्यक्ति Challange