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हां तुम चाय के जैसी हो , हर मौसम में, हर दिन , हर

हां तुम चाय के जैसी हो ,
हर मौसम में, हर दिन , हर शाम , हर वक्त तलब रहती है तुम्हारी,
सुबह उठने से पहले , शाम होते ही , दोपहर में भी तुम्हारी याद आ ही जाती है, 
हां तुम चाय के जैसी हो,
तुम्हारी जुल्फ़ों में सोंधी महक आती है, तुम्हारी बातें चीनी की मिठास का अहसास कराती है, तुम्हारे लबों के प्याले आवाज़ देते हैं,
तुममें चायपत्ती सा नशा भी है, उस पर तुम्हारी बचकानी हरकतें इलायची का काम करती है, तुम्हारी चिढ़ना काली मिर्च सा तीखा है,
हां तुम चाय के जैसी हो ,
मेरी हो चाहे  जैसी हो ,
हां तुम चाय के जैसी हो । 
प्रिंस दीक्षित

©Prince  Dixit To my love🌹🌹
#Morning
हां तुम चाय के जैसी हो ,
हर मौसम में, हर दिन , हर शाम , हर वक्त तलब रहती है तुम्हारी,
सुबह उठने से पहले , शाम होते ही , दोपहर में भी तुम्हारी याद आ ही जाती है, 
हां तुम चाय के जैसी हो,
तुम्हारी जुल्फ़ों में सोंधी महक आती है, तुम्हारी बातें चीनी की मिठास का अहसास कराती है, तुम्हारे लबों के प्याले आवाज़ देते हैं,
तुममें चायपत्ती सा नशा भी है, उस पर तुम्हारी बचकानी हरकतें इलायची का काम करती है, तुम्हारी चिढ़ना काली मिर्च सा तीखा है,
हां तुम चाय के जैसी हो ,
मेरी हो चाहे  जैसी हो ,
हां तुम चाय के जैसी हो । 
प्रिंस दीक्षित

©Prince  Dixit To my love🌹🌹
#Morning
princedixit4852

Prince Dixit

New Creator

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