जिंदगी की हर परीक्षा के लिए हमेशा तैयार हूं में फिर क्यों आज घबराई हु में आज कुछ कमी सी है मुझ में शायद हिम्मत हार गई हूं में अकेले संघर्ष की कहानी जान गई हूं में फिर क्यों आज घबराई हूं में कोई किसी का नही होता मतलब परसत दुनिया है यहाँ अपनो का लिबास ओढ़े मतलबी रिश्ते है हर एक ने पहले अपना कह के बाद में धक्का दे के बाहर निकाला है आज फिर संघर्ष का दिन आया है तकलीफ ने चारों और से फिर घेरा है मजबूती से डटे रहना जरा मुश्किल है इस बार शायद हिम्मत हार गई हूं में टूटी हु , बिखरी हु , अश्को का सैलाब अकेले ने बहाया है वजुद खुद का फिर से कायम करने का ये एक नई चुनोतियों का समय मुझ पर आया है!!!!! #JindagiEkSangharsh